Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -05-Jul-2023 ओ बैरी पिया

शीर्षक-ओ बैरी पिया

विधा-गीत
ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....

जब से गए तुम ,रूठ गए देखो!
 तीज त्योहार मेरे,
कुछ नहीं अपना हुए सब पराए।

ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....

गरजे बादल, मन को करे आहत...
लगता जैसे सावन करे घात..
काली हो गई है,सब रात।

ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....

सखियाॅं हंसती, बातें करती...
मेरी अखियाॅं, सुन- सुनकर बहती...
दिल की गलियाॅं नीर भरती।

ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....

जब चाॅंदनी... श्रृंगार करें,
चातक जब शोर मचाएं...
ऐसा लगे जैसे ,हमको चिढ़ाए।

ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....

कोयल जब कुहू कुहू ,बाग में करती...
 ऐसा लगता जैसे कर्कश वाणी...
हृदय में हमको चुभती....

ओ बैरी पिया........
तुम बिन न धड़के जिया.....




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6 Comments

Gunjan Kamal

06-Jul-2023 01:24 PM

👏👌

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Abhinav ji

06-Jul-2023 07:49 AM

Very nice 👍

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सुन्दर सृजन

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